५. मीनू खरेजी का इलाहाबाद से लौटकर विधा परिवर्तन ही हो गया।
2.
विधा परिवर्तन के परिणाम इतने सुखद होगे ये सिर्फ़ पढके ही जाना जा सकता था.
3.
नारीमन द्वारा प्रायः झेले जाने वाले थपेड़ों को समझने का उद्यम हैं ये एकल. ' तीन अकेले साथ-साथ ' उदाहरण है कि कैसे विधा परिवर्तन कभी-कभी कायांतर ही नहीं कायाकल्प भी कर सकता है ।